| 1. | जब कि चैक धारक चैक की पूरी रकम चाहता था।
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| 2. | लेकिन यह होना भी अवश्यम्भावी है कि चैक धारक पुनः दीवानी मुकदमे भी करने लगें।
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| 3. | परन्तुक के इस भाग के कारण चैक धारक का दायित्व केवल नोटस देने तक सीमित है।
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| 4. | वह नोटिस चैक प्रदाता को प्राप्त हुआ है या नहीं यह बताने की जिम्मेदारी चैक धारक की नहीं है।
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| 5. | उसे उस सूचना के मिल जाने के बाद 15 दिनों में चैक की राशि चैक धारक को अदा कर देनी चाहिए थी।
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| 6. | अदालत ने इस अर्थदण्ड की राशि (रुपए 20000) में से मात्र 5000 रुपए परिवादी चैक धारक को दिलाए जाने के आदेश दिए।
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| 7. | जैसे ही उसे चैक के अनादरित होने की सूचना मिलती है उसे 15 दिनों में चैक की राशि चैक धारक को अदा कर देनी चाहिए।
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| 8. | चैक अनादरण के मुकदमे पुलिस द्वारा पेश में आरोप पत्र पर आरंभ नहीं होते, अपितु किसी चैक धारक द्वारा प्रस्तुत शिकायत पर आरंभ होते हैं।
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| 9. | लेकिन यदि चैक जारी करने वाले ने चैक धारक को चैक की राशि इस अवधि में अदा नहीं की तो फिर चैक का अनादरण एक अपराध बन जाता है।
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| 10. | आम तौर पर चैक बाउंस के मुकदमों में चैक धारक मुकदमे के खर्च और फीस के 10% तक की राशि तो वकील को दे देता है, लेकिन शेष फीस बाद में रकम मिलने पर देता है।
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